वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Oct 8, 2023

उत्तराखंड की घिंघारू प्रकृति की पहाड़ से एक कविता

October 08, 2023 0
 घिंघारु ****** पहाड़ पर अगस्त के महीने  दिख जाएंगी आपको  पहाड़ी रास्तों  ढलानों पर  घाटी वाले क्षेत्रों में गहरी हरे पत्तों वाली कंटीली झाड...
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Mar 23, 2018

मिलिए सुनील दददा से...जिनके बेडरूम में रहते हैं पटटे पूत, गुटरगूं करने वाला कबूतर

March 23, 2018 0
=पत्नी की मौत के बाद अकेले रह गए सुनील दददा के जीने का सहारा बन गए पशु पक्षी =हर पशु पक्षी की है अपनी अलग कहानी, जिसका कोई नहीं था, ...
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May 12, 2017

Sep 20, 2016

Jun 14, 2016

Feb 11, 2016

Sep 24, 2015

सरकार से ‘स्वच्छ हवा, जन्मसिद्ध अधिकार’ के वादे को पूरा करने की मांग

September 24, 2015 0
ग्रीनपीस ने स्वच्छ वायु के लिए शुरू किया राष्ट्रीय अभियान नई दिल्ली।  23  सिंतबर  2015 ।  ग्रीनपीस ने आज स्वच्छ वायु के लिये...
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Jul 22, 2014

Apr 26, 2014

एक मशहूर फिल्म निर्माता ने फिल्म निर्माण के दौरान बाघों के परिक्षेत्र को किया प्रभावित

April 26, 2014 3
दुधवा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के किशनपुर वन्य जीव विहार में एक नामी फिल्म निर्देशक के द्वारा किसी फिल्म की सूटिंग का बंदोबस्त किया गया, त...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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