वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Jun 22, 2016

राजस्व तालाबों की कब्जा मुक्ति- सजग हुई उत्तर प्रदेश सरकार तालाबों के लिए

June 22, 2016 0
   जो जमीन राजस्व की है... पंचायती है; जो किसी एक की निजी नही, उस पर अपना हक जमाना एक जमाने से जबरों का जन्मसिद्ध अधिकार रहा है। इ...
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Jun 18, 2016

Jun 17, 2016

अकाल अच्छे कामों का भी

June 17, 2016 0
चतरसिंह जाम टेलिविज़न कहां नहीं है ? हमारे यहां भी है। हमारे यहां यानी जैसलमेर से कोई सौ किलोमीटर पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा पर भ...
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अकेले नहीं आता अकाल

June 17, 2016 0
अकाल की पदचाप साफ सुनाई दे रही है। सारा देश चिंतित है। यह सच है कि अकाल कोई पहली बार नहीं आ रहा है, लेकिन इस अकाल में ऐसा कुछ होने...
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Jun 14, 2016

May 13, 2016

May 11, 2016

Apr 18, 2016

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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