वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Oct 31, 2010

सफ़ेद बाघ

October 31, 2010 0
मनोज शर्मा* इसका रंग ही बन गया इसकी कैद का सबब: मैंने सफ़ेद टाइगर को छतीसगढ़ में भिलाई के मंत्री गार्डेन में पहली बार देखा था तो लगा की सफ़ेद...
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Oct 30, 2010

Oct 29, 2010

एक जानवर की कहानी !

October 29, 2010 2
सुरेश बरार* स्वीटू स्वीटू जब मेरे घर आई वह सिर्फ़ १ हफ्ते की थी बहुत ही प्यारी , फ़ूल की तरह नाजुक उसका काला और सफ़ेद रंग ऐसे लगता था मानों क...
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रेल-पथ फ़िर बना वन्य-जीवों की मौत का कारण !

October 29, 2010 2
कतर्नियाघाट वन्य-जीव विहार से होकर गुजरने वाली रेल-लाइन पर पँच हिरनों की मौत: घने जंगलों के बीच से निकली रेलवे लाइन एक बार फिर वन्यजीं...
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Oct 23, 2010

Oct 17, 2010

एक और खूबसूरत बाघ को आजीवन कारावास !

October 17, 2010 6
सुनील निगम (मैलानी) १५ अक्टूबर २०१०, पीलीभीत की दियूरियाँ रेन्ज से निकलकर आदमखोर बने बाघ को अन्ततः फरूखाबाद जिले की रेंज में बेहोश करके पकड़ ...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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