वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Jun 26, 2011

चौराहे पर ठाढ किसनऊ देखई चारिउवार..देश का कौनु है जिम्मेवार !

June 26, 2011 1
किसान के घर की दशा- फोटो: आशीष सागर ग्रेट गैंबलर की इतनी दुर्दशा, कौन है जिम्मेदार   यह लेख शाहजहांपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वै...
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Mar 1, 2011

मरती नदियां मरते लोग..

March 01, 2011 1
नदी बांध परियोजनायें है पानी व किसान की मौत ! मर रही नदियों का जिम्मेदार कौन? प्रवास संस्था ने नदियों को बचाने का लिया संकल्प... तो फि...
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Feb 8, 2011

इनके नसीब में एक इंडिया मार्का हैंड पम्प भी नही !

February 08, 2011 3
सड़क बिजली छोडि़ए, सरकारी नल भी नही है मयस्सर -टांगिया गांव तक नही पहुंचती योजनाएं टांगिया-बिजुआ। हर गांव तक सड़क और हर घर को बिजली। शास...
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Aug 23, 2010

खतरे में सुहेली (सरयू) नदी: जो जीवन रेखा है, दुधवा की वन्य संपदा की!

August 23, 2010 4
दुधवा की लाइफ़ लाइन ही खतरे में:  पलियाकलां (खीरी)। दुधवा नेशनल पार्क के मध्य तथा किनारे प्रवाहित होने वाली सुहेली नदी कभी अपने समीपवर्ती व...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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