वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Feb 3, 2011

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के स्थापना दिवस पर गोष्ठी का आयोजन

February 03, 2011 0
मानव-वन्य जीव संघर्ष निवारण विषय पर हुई चर्चा- स्थापना: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान 2 फ़रवरी 1977 (दुधवा लाइव डेस्क 2 फ़रवरी 2011) पलियाकलां-खीरी...
Read more »

Feb 1, 2011

Jan 29, 2011

यहाँ का नज़ारा अदभुत है, इन विशालकाय पक्षियों की मौजूदगी से !

January 29, 2011 4
©Krishna खूबसूरत परिन्दों की रिहाईशगाह शाहजहाँपुर (२८ जनवरी २०११) फ़करगंज जहाँ रिहाईश है सैकड़ों क्रौंच की, यह गाँव पड़रा-सिकन्दरपुर का मौज...
Read more »

Jan 28, 2011

Jan 20, 2011

छबीली और उसका नया घर !

January 20, 2011 6
  छबीली और उसके बच्चे एक माँ .... ...वह घर के नज़दीक एक कच्चे नाले में जा बैठी, बस कुछ देर ठहरने के बाद उसने मिट्टी खोदना शुरू कर दिया, जमीन ...
Read more »

Jan 16, 2011

घोला इलाके में तेंदुए की मौजूदगी बनी दहशत

January 16, 2011 2
कतर्नियाघाट में बाघ का शिकार बना मनुष्य*  कहीं मानव-तेंदुए में बन न जाये टकराव के हालात  कतर्निया घाट में हुई घटनाओं ने बढ़ाई लोगों की फ...
Read more »

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot