वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Showing posts with label man-animal conflict. Show all posts
Showing posts with label man-animal conflict. Show all posts

Dec 28, 2014

खीरी के जंगलों से बाहर आबादी में घुसपैठ कर रहे हैं हाथी आखिर क्यों?

December 28, 2014 0
जंगली हाथियों ने बारह एकड़ गन्ना बर्बाद किया दलराजपुर गांव में हाथियों का धावा खैरागौढ़ी जंगल से अक्सर निकलता है झुंड फोटो : गुरुव...
Read more »

Mar 10, 2014

मशहूर हो चुका दुधवा का बाघ आखिरकार पकड़ा गया !

March 10, 2014 0
फोटो साभार: सीज़र सेनगुप्त  आखिरकार पकड़ा ही लिया गया उस बाघ को. लखीमपुर खीरी/दुधवा टाइगर रिजर्व. महीने भर से लखीमपुर खीरी जनपद के...
Read more »

Feb 28, 2014

Feb 27, 2014

Feb 10, 2011

ये कैसा समर है, जानवर और आदमी के मध्य !

February 10, 2011 0
फोटो: ©सीजर सेनगुप्त आखिर बाघों की आमद हमारे घरों की ओर क्यों? बिल्ली प्रजाति का अतिबलशाली ‘बाघ’ जन्म से हिंसक और खूंखार होता है, लेकि...
Read more »

Nov 3, 2010

वे आदमखोर नही हैं !

November 03, 2010 3
आदमखोर बाघ -- एक मिथक "मानव-भक्षण की घटनाओं, और उनके पीछे के तमाम कारणों पर अरूणेश दवे  के विचार "दुधवा लाइव" में लेख के रूप...
Read more »

Oct 6, 2010

मानव व वन्य जीवों के मध्य चल रहे घमासान की एक कहानी !

October 06, 2010 2
 कतरनियाघाट वन्य जीव विहार, बहराइच, उत्तर प्रदेश, भारत : संघर्षगाथा: मानव व वन्य जीवों के मध्य संघर्ष पर एक विमर्श: "विश्व प्रकृति निध...
Read more »

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot