वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Feb 18, 2011

टूटते पहाड़ व ग्रेनाइट का खनन ही बुन्देलखण्ड की त्रासदी

February 18, 2011 0
ग्रेनाइट खनन से बढ़ता प्रदूषण  पर्यावरण प्रदूषण और बीमार होते लोग  1.    30 लाख 50 हजार पत्थर रोजाना पहाड़ों से निकाला जाता है। 2.    30 ...
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Feb 6, 2011

बुन्देलखण्ड का आदिवासी और उसकी बदहाली पर एक खुला चिठ्ठा

February 06, 2011 1
चार सौ दलित आदिवासियो की बदहाली एवं पलायन  "क्या वें अब जंगल और जंगल जीवों के मध्य समन्वय स्थापित कर सकते हैं ? "क्या बाघ की तरह ...
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Feb 5, 2011

बुन्देलण्ड में काले हिरणों पर मड़राता काला साया

February 05, 2011 1
 बुन्देलखण्ड में तबाह किए जा रहे जंगलों व नदियों से नष्ट होती जैव-विविधता  ...आंकड़ों के खेल में सरकारें बनी तमाशबीन ....   बांदा, हमीरपु...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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