वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Apr 13, 2015

दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगलों में बसे थारू जनजाति की संस्कृति की अद्भुत प्रस्तुति

April 13, 2015 0
चंदनचैकी में रोशनी व बेटियां योजना का शुभारंभ थारू महोत्सव में बेटियों को दी गईं साइकिलें थारू संस्कृति ने लोगों का मनमोहा थारूक...
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Apr 12, 2011

वन विभाग की गुलामी से आजाद हुए सुरमा व गोलवोझी के थारू

April 12, 2011 2
सुरमा एवं गोलवोझी (दुधवा-खीरी) से देवेन्द्र प्रकाश मिश्र की रिपोर्ट जिलाधिकारी समीर वर्मा ने वनाधिकार कानून के तहत सूरमा ग्राम के 289 निव...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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