वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Dec 1, 2010

तो क्या बच पायेगा यह सुनहरा जानवर !

©अरूणेश दवे
दुधवालाइव डेस्क* अगले १२ वर्षों में खत्म हो जायेंगे बाघ

चौकिए मत ये पूर्वानुमान है, टाइगर समिति का, जिसका आयोजन रूस के सेन्ट पीटर्सबर्ग में हुआ,  यह बैठक रूसी प्रधानमन्त्री ब्लादिमीर पुतिन के सरंक्षण में सम्पन्न हुई। इस समति ने "ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम" के तहत बड़ी धनराशि के अनुदान की बात कही है। जो उन १३ देशों को उपलब्ध कराई जायेगी जहाँ अभी भी जंगलों में प्राकृतिक रूप से बाघों की मौजूदगी हैं। इन देशों की फ़ेहरिस्त कुछ इस तरह है, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, भारत, क्म्बोडिया, चायना, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम और रूस।

विश्व प्रकृति निधि के डाइरेक्टर जनरल जेम्स लीप ने सेन्ट पीटर्सबर्ग में अपने वक्तव्य में कहा, कि यदि बाघ सरंक्षण में जरूरी कदम नही उठाये गये तो सन २०२२ तक जंगलों से बाघ समाप्त हो जायेंगें। इस बाघ समिति ने सन २०२२ तक जंगलों में बाघों की मौजूदा सख्या को दुगुना करने की बात कही है?

ग्लोबल टाइगर रिकवरी प्रोग्राम ने ३५० मिलियन डालर इन १२ वर्षों के प्रोजेक्ट में प्रथम पाच वर्षों के लिए अनुमानित रकम की बात कही जो बाघ सरंक्षण में खर्च की जायेगी। इस मद से ३० फ़ीसदी रकम बाघ का शिकार रोकने व बाघ के आहार पर खर्च की जायेगी।

इस तरह के तमाम बातें इस चार दिवसीय टाइगर समिति में की गयी, जो कि २१ नवम्बर से २४ नवम्बर तक रूस के सेन्टपीटर्सबर्ग में संपन्न हुई। आकड़ों के मुताबिक जंगलों में प्राकृतिक रूप से ३,२०० बाघ बचे हुए है, जबकि १९वीं सदी के शुरूवात में १,००,००० बाघ हमारी धरती पर मौजूद थें।

खैर ये कवायदे अगले १२ वर्षों में क्या रंग लायेंगी ये तो आने वाला वक्त बताएगा, ये धरती बाघों से विहीन होगी या हम बाघों का वजूद बचा पाने में सफ़ल होगे ?

1 comment:

  1. अवैध शिकार पर जब तक नियंत्रण नहीं प्राप्त होता, बाघों का बचना मुश्किल ही है.

    ReplyDelete

आप के विचार!

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot