वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Apr 21, 2023

गन्ने के खेत में दुधवा टाइगर रिजर्व के निकट एक बाघ की मौत?

April 21, 2023 0
  लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व के कुकरा सलेमपुर वन वीट के निकट गन्ने के खेत में एक बाघ का शव मिला, जंगल के बफर जोन में व उससे सटे कृषि क...
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Apr 9, 2023

धरती को नीस्त-ओ-नाबूद करने की कवायद में लगी आदम जात?

April 09, 2023 0
  जलवायु परिवर्तन  सवाल अब धरती को बचा लेने का है - डॉ. कृष्ण कुमार मिश्र जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतर सरकारी पैनल (Intergover...
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दुधवा नेशनल पार्क में एक और गैंडे की मौत

April 09, 2023 0
 दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडों के सफल पुर्नस्थापना के बावजूद कोई रेस्क्यू सेंटर, रिसर्च आफीसर अभी तक क्यों नही? फाइट में गैंडे की मौत नेपोलि...
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Apr 7, 2023

भारत में भूले बिसरे मोटे अनाज की खेती की सुगबुगाहट

April 07, 2023 0
  जौ के लहलहाते हुए खेत दुनिया में मोटा अनाज की अहमियत मोटा अनाज की अहमियत दुनिया जान चुकी है। इसी कारण वर्ष 2018 को नेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के...
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Nov 3, 2022

Sep 29, 2022

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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