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Jan 9, 2021

पहाड़ की बद्री गाय का शुद्ध घी अब मिल रहा है अमेजन पर

 चमोली जिला प्रशासन का बेहतरीन प्रयास।

बद्री गाय की नस्ल के संवर्धन व सरंक्षण में भी मिलेगी मदद।

पारम्परिक तरीके से बनाया गया है यह बद्री गाय के दूध से  घी।

श्री बद्रीनाथ जी की पावन भूमि जनपद चमोली से बद्री गाय का शुद्व घी अब देशव्यापी लोगों को आॅनलाइन मिलना शुरू हो चुका है। अब घर बैठे शुद्व बद्री गाय घी को अमेजन से आॅनलाइन खरीद सकते है। बद्री घी अमेजन पर ‘‘बद्री गाय घी’’ के नाम से उपलब्ध है जो चमोली में खास तौर पर बिलोना विधि से तैयार किया जाता है।



            चमोली जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल ग्रोथ सेंटरों में निर्मित बद्री गाय घी को देशव्यापी बाजार उपलब्ध कराने की अभिनव पहल की है। बद्री गाय घी चमोली जनपद की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा परम्परागत बिलोना विधि से बनाया जाता है। जिसमें बद्री गाय के दूध से दही बनाने के पश्चात लकडी की मथनी (बिलोना) से मथकर प्राप्त मक्खन को हल्की मध्यम आंच पर गर्म कर घी तैयार किया जाता है। ताकि इसके पौष्टिक तत्व बने रहे। 



              जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि ग्रोथ सेंटरों में निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के उदेश्य से बद्री घी को आॅनलाइन अमेजन पर बिक्री कराया जा रहा है। अभी जोशीमठ ब्लाक के अन्तर्गत बद्री गाय घी के दो ग्रोथ सेंटर संचालित है। जिसमें महिला समूहों द्वारा परम्परागत बिलोना विधि से बद्री गाय का घी निर्मित किया जा रहा है। बद्री घी की आॅनलाइन बिक्री से चमोली में उत्पादित घी पूरे देश में बेचा जा सकेगा। आॅनलाइन बिक्री से जहाॅ एक ओर पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं की आय बढेगी वही ब्रदी गाय को भी संरक्षण मिलेगा। उन्होंने बताया कि बद्री गाय उच्च हिमालयी क्षेत्रों के बुग्यालों एवं जड़ी बूटियों से भरपूर चारागाहों में औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों की स्वच्छंद चरायी करती है। जिससे बद्री गाय का औषधीय गुणों से युक्त दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है। इससे प्राप्त उत्पाद जैसे दूध व घी उच्च पोषकता से परिपूर्ण होने के कारण बाजार में विशेष महत्व रखते है। बद्री गाय से 1.50 लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन होता है एवं परम्परागत विधि से बद्री घी बनाने के लिए अन्य घी की अपेक्षाकृत अधिक श्रम व समय लगता है। 



             ‌‌  सहायक निदेशक डेरी राजेन्द्र सिंह चैहान ने कहा कि जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे के मार्ग निर्देशन में दुग्ध विकास विभाग चमोली के माध्यम से बद्री घी का उत्पादन एवं विपणन की व्यवस्था की गई है। बद्री घी के ग्रोथ सेंटर की सफलता से डेरी विकास विभाग ने जनपद चमोली में पांच नए ग्रोथ सेंटर भी प्रस्तावित किए है। सहायक निदेशक ने बताया कि देवभूमि उत्तराखंड की बद्री गाय को राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरों द्वारा परिग्रहण संख्या-INDIA_CATTLE_2400_BADRI_03040 अन्तर्गत 40वीं भारतीय (स्वदेशी) नस्ल की गाय के रूप में सूचीबद्व किया गया है। जो कि एक मजबूत कद-काठी की छोटी गाय है। बद्री गाय उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाली जाती है।

दुधवा लाइव डेस्क

1 comment:

  1. There is no reference of this Badri Cow Ghee on Amazon. There are many other private companies their own Badri ghee

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