वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Sep 25, 2010

सुर्खियों में "दुधवा लाइव ई-पत्रिका"

सुर्खियों में दुधवा लाइव:







"इन्टरनेट के इतिहास में वन्य जीवन व पर्यावरण के मसलों पर आधारित हिन्दी की प्रथम ई-पत्रिका होने का गौरव प्राप्त कर चुकी दुधवा लाईव वेबसाइट के कन्टेन्ट विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों व पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं, जो कि हमारी बात को आम-जनमानस के मध्य प्रसारित व स्थापित करने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। हम उन सभी अखबारों व पत्रिकाओं का आभार व्यक्त करते हुए, उनकी कतरनों को आप के सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं, आशा हैं आप सब हमें अपने विचारों से अवश्य अनुग्रहीत करेंगें।"



मॉडरेटर

2 comments:

  1. LAGATAR UNNATI KARE DUDHWA LIVE YAHEE HAMARE SHUBHAKAMNAYE HAI

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  2. Nice to see you DudhwaLive.com Grow and Grow time to time with us too..

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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

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