वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Jul 2, 2010

पक्षियों का स्वर्ग: सात ताल और पंगोट

Blue throated barbet
सीज़र सेनगुप्त* पंगोट और सात ताल: वो वादियां जहाँ खूबसूरत परिन्दें आसमान में कुलांचे भरते हैं!

मेरी आंख कब लगी मुझे पता ही नहीं चला। बारिश की ठंडी ठंडी बूंदों ने नाक भिगो कर मानो मुझे जगाया हो! खिड़की से बाहर झांका तो मुझे हवा के झौंके पर सवार ठंडक महसूस हुई। इन पहाड़ी रास्तों पर हमारी कार ठीक ठाक ऱफ्तार से आगे बढ़ रही थी...मैंने अपनी घड़ी पर नज़र डाली...सुबह के साढ़े छह बजे थे और हम काठगोदाम पहुंच चुके थे। सुबह की ताज़ी हवा से आती मिट्टी की सौंधी सौंधी महक बता रही थी। कि यहां अभी कुछ देर पहले बारिश हो चुकी थी। ये सारा माहौल बहुत अच्छा लग रहा था। लेकिन साथ ही ये चिंता भी सता रही थी, कि कहीं ये बारिश हमारी इस यात्रा के मुख्य उद्देश्य पर ही पानी न फेर दे...दरअसल हम हिमालय की इन वादियों में बसे पंगोट और सात ताल में परिंदों को देखने के मक़सद से आये थे।

हर ह़फ्ते के आख़िर में परिंदों को देखने के लिये(महाराष्ट्र के) पश्चिमी घाटों में भटकना मानो रूटीन बन गया था. राकेश धरेश्वर और क्लीमेंट फ़्रांसिस के लिखे यात्रा वर्णन ने हिमालय में पाये जाने वाले तरह तरह के ख़ूबसूरत परिंदों के बारे में, हमारे मन में पहले ही काफ़ी उत्सुकता जगा दी थी. क़रीब दो महिने पहले मुम्बई से कर्जत लौटते हुये कॉफ़ी की चुस्कियों के दौरान परिंदों को देखने के इस ख़ास अभियान की योजना बना ली गयी थी. अपने अपने कामों से छुट्टियां ले पाना एक बडी कसरत के जैसा था. आख़िर तक हम तीनों का कुछ भी तय नहीं था. हालांकि हम सभी ने सोचा था कि इस ख़ास मौके के लिये हम सबसे अच्छे उपकरण(कैमरा, दूरबीन) ले जायेंगे पर ये सब, ख़ास तौर पर मेरे लिये संभव दिखाई नहीं दे रहा था. कुछ तय नहीं हो पा रहा था. मैं और अमित अपनी पुरानी दूरबीनों( पुराने उपकरणों) के सहारे ही थे. पर पराग अपने नये 7D और 500mm प्राइम को पाकर इतना ख़ुश था कि उसने अपनी 100-400mm के लैंस इस ख़ास मौके के लिये मुझे उधार दे दिये. फिर क्या था, मेरा काम तो हो गया.
Siberian stonechat

हमारी फ्लाईट अच्छी ख़ासी लेट हो चुकी थी. रनवे पर हमारा जहाज़ नौवें नंबर पे था. हवाई जहाज़ के अंदर बैठे बैठे मुझे अभी से अगले कुछ दिनों के परम आनंद के बारे में सपने आने लगे थे. झटके से मेरी नींद टूटी तो पाया कि एक घंटे के इंतज़ार के बाद जाकर अब कहीं हम उड़ान भरने वाले थे. जब तक हम दिल्ली पहुंचे आधी रात हो चुकी थी. दिल्ली में रात बिताने का हमारा कोई इरादा नहीं था. हमारी फ़िक्र और चिंताओं को मात देते हुये हमने हमारे ड्राइवर को हमारा इंतज़ार करते पाया. उसके मूंह से ‘गुड ईवनिंग सर‘ सुनते ही अमित ने बेफ़िक्र हो सिगरेट सुलगा ली ‘पंगोट पहुंचने में आठ से नौ घंटे का समय लगेगा‘ हमारे ड्राइवर ने घोषणा की! सारी रात सफ़र में बीतने वाली थी। आरामदायक टोयोटा इनोवा की बड़ी खाली जगहों में हमारा सामान बड़ी आसानी से समा गया। मेरी आंख कब लगी मुझे पता ही नहीं चला। बारिश की ठंडी ठंडी बूंदों नें नाक भिगोकर मानो मुझे नींद से जगाया हो...कठगोदाम.......

Crested kingfisher
पंगोट का  "जंगल लोर बर्डिंग कैम्प" हमारे लिये सुखद आश्चर्य के जैसा था। जहां हमारी कार रूकी वहां रिज़ॉ्र्ट के नाम पर सिर्फ़ एक साइन बोर्ड था...रिज़ॉर्ट का दूर दूर तक कहीं कोई नामो निशान नहीं था। जल्द ही मुझे ये एहसास हो गया, कि रिज़ॉर्ट पहाड़ी की ढलान पर बनाया गया था...और उसके रिसैप्शन तक पहुंचने के लिये हमें कुछ क़दम नीचे उतरना था। रिज़ॉर्ट के रिसैप्शन पर जिस गर्मजोशी के साथ हमारा स्वागत हुआ वो देखकर ख़ुशी दुगनी हो गयी। मैं जिंदगी में पहली बार ऐसा रिज़ॉर्ट देख रहा था। जो ख़ास तौर से पक्षी विहार यानि परिंदों में दिलचस्पी रखने वालों के लिये बनाया गया था। जैसे ही मैं अंदर गया मेरी नज़र छज्जे पर पड़ी। उस पर दो और लोग बड़ी आसानी से रह सकते थे...मैंने अपना बिस्तर वहीं लगाने का फ़ैसला किया। लकड़ी से बने इस कॉटेज की सजावट बड़े ही ख़ास अंदाज़ में की गयी थी। जिसे बयान करना मुश्किल था...सब कुछ बड़ा ही जादूई..एक अजीब तरह ही उन्मुक्तता(मस्ती) से सराबोर था। उस पर गर्म गर्म कॉफ़ी मानो सोने पे सुहागा। कॉफ़ी ख़त्म होते होते ही मैंने अगले कुछ दिनों के लिये कैमरे पर लैंस फ़िट कर दिया था। अचानक पीछे से आवाज़ आयी ‘गुड मॉर्निंग सर अगर आप तैयार हों तो हम रवाना हो सकते हैं‘! मुड़कर देखा तो इस पूरे सफ़र का सबसे ख़ास सदस्य हमारे सामने खड़ा था... हरी लामा जिसे इस इलाके के परिंदों के एंसाइक्लोपीडिया के नाम से जाना जाता था।
Red billed leiothrix

पंगोट, एक छोटा सा, बेहद ख़ूबसूरत गांव है। जो नैनीताल से 15, कठगोदाम से 50 और जाने माने कॉर्बेट नेशनल पार्क क़रीब 80 किलोमीटर की दूरी पर है। लामा ने कहा ‘हम पहले वुडपैकर प्वाइंट पर जायेंगे‘ ...हमारी पंगोट की यात्रा शुरू हो चुकी थी।

जिस जगह पर लामा हमें ले गया, वो बहुत ही कमाल की थी। मैं कार से उतरकर ट्राइपाड पर कैमरा कस ही रहा था, कि लामा की फ़ुसफ़ुसाहट मेरे कानों में पड़ी, ‘वुडपैकर...एकदम नज़दीक में‘ हम दौड़कर उस तक पहुंचे, वो एक पेड़ की टहनी की ओर इशारा कर रहा था। एक बेहद आकर्षक Rufous Bellied woodpecker पेड़ की टहनी पर सबसे पहले फ़ोटो खिंचवाने के लिये तैयार बैठा था। क़रीब बीस तक उसकी तस्वीरें लेने के बाद हमें एहसास हुआ, कि उस जैसे कई और कठफ़ोड़वे हमारे आस-पास मौजूद थे...हमें उन्हें देखने के लिये अलग अलग दिशाओं में बिखर गये। जब तक हम घनें जंगलों से होते हुये पहाड़ी पर चढते रहे, सफ़ेद गले वाली हंसने वाली चिड़िया की आवाज़ सारे जंगल में गूंजती रही. एक Great Barbet हमें लगातार पुकार रही थी। मेरे सामने एक ऊंचे पेड़ पर Rufous Bellied woodpecker  का एक जोड़ा एक दूसरे से शरारत कर रहा था...मैं बहुत देर तक उस जोड़े को देखता रहा। तभी मेरा ध्यान अपनी ओर खींचने के लिये Verditer Flycatcher वहां से गुज़रा। मैंने देखा पराग अपने कैमरे से उसकी तस्वीरें ले रहा था। मैं कठफोड़वे की ओर मुड़ा किन्तु वो उड़ चुके थे। मैंने कुछ चहचाहट सुनी...बड़ी मुश्किल से मैं समझ पाया कि...एक भूरे रंग का कठफोड़वा बड़े ज़ोरों से अपनी चोंच एक पेड़ पर मार रहा था। मैंने कुछ तस्वीरें लीं...फिर मुझे मौका मिला कि मैं अपना ट्राईपॉड तीन अलग-अलग जगहों पे रखकर तस्वीरें ले सकूं। उस समय मुझे पता नहीं था कि तस्वीरें कैसी आयेंगी...फिर भी मैंने कुछ तस्वीरें लीं. और बाद में जब तस्वीरें देखीं तो दिल ख़ुश हो गया।
Whiskered Yuhnia
हमनें वहां काफ़ी समय बिताया! फिर हमें भूख सताने लगी तो हम अपने बेस कैम्प यानि रिज़ॉर्ट लौट आये। हालांकि लंच के बाद परिंदों के साथ शाम बिताने के लिये हम फिर एक बार तैयार थे। इस बार हमें इस खुले इलाक़े में आने के लिये बहुत दूर तक सफ़र करना पड़ा। ये इलाक़ा Red billed blue magpies से भरा पड़ा था। घास में आवाज़ करते कुछ कीडों और इक्का दुक्का हिमालयी बुलबुलों ने सूरज ढलने तक हमारा मनोरंजन किया। पहले ही दिन इतने सारे Lifer ("Lifer" ऐसे दुर्लभ परिंदों के लिये इस्तेमाल होता है, जिन्हें देखने का मौका क़िस्मतवालों को जिंदगी में शायद एक ही बार मिलता है) देख पाने की उम्मीद हम में से किसी को नहीं थी। जब हम रिज़ॉर्ट लौटे तो बेहद ख़ुश थे। शाम कॉफ़ी, गपशप, पहले दिन दिखाई दिये परिंदों की लिस्ट तैयार करने में, अपने अपने लैपटॉप पर तस्वीरों की डाऊनलोड और बैटरियों के लिये चार्जिंग प्वाइंट ढूंढने में कब बीती पता ही नहीं चला। रात के खाने का समय हो चला था..........
Grey headed canary flycatcher

पंगोट में हमारा काम अभी ख़त्म नहीं हुआ था। अगली सुबह Cheer pheasant  की तलाश में हम और भी आगे गये। मुझे नहीं लगता कि लामा की मदद के बिना मुझे उस Cheer pheasant की इतनी भी झलक मिल पाती, जो मुझे उस रोज़ मिली थी। लामा ली आंखें बाज़ के जैसी तेज़ थीं! ‘साहब उधर देखिये‘ उसने उंगली से इशारा किया। यहां तक कि दूरबीन की मदद से भी उन्हें देख पाना मुश्किल था। पर उनकी एक झलक पाकर ही हम सब खिल गये थे. Whiskered Yuhinas बार-बार उस पेड़ की टहनी पर आ रही थी, जो उसी ढलान पर था, जहां हम खड़े थे...तभी मुझे Himalayan Griffon दिखाई दी, जिसका मुझे न जाने कब से इंतज़ार था। मैं हमेशा से हिमालय की वादियों की पृष्ठभूमि में उड़ान भरती Griffon  की तस्वीर लेना चाहता था...वो तस्वीर एक सपना सच होने के जैसे होती...पर बदक़िस्मती से मेरा हाथ हिल गया. वापसी में हमनें फिर एक बार कठफोड़वे से मिलने की सोची.
Green backed tit
Pangot bird list:
1.Red billed blue magpie
2.Grey bushchat
3.Himalayan bulbul
4.Streaked laughing thrush
5.Striated prinia
6.Whiskered yuhina
7.Spot winged tit
8.Green backed tit
9.Eurasean jay
10.Black headed jay
11.Ultramarine flycatcher
12.Rufous bellied woodpecker
13.Brown fronted woodpecker
14.Grey treepie
15.Tickels thrush
16.Long billed thrush
17.Mountain hawk eagle
18.Black eagle
19.Blyths reed warbler
20.Russet sparrow
21.Maroon oriole
22.Oriental turtle dove
23.Grey hooded warbler
24.Grey winged blackbird
25.Bar tailed tree creeper
26.Grey headed canary flycatcher
27.Rufous bellied Niltava
28.Chestnut crowned laughing thrush
29.Blue capped rock thrush
30.Slaty headed parakeet
31.Verditer flycatcher
32.Spotted dove
33.Blue whistling thrush
34.Cheer pheasant
35.Himalayan griffon
36.Upland pipit
37.White throated laughing thrush
38.Spotted forktail
39.Rusty cheeked scimiter babler
40.Great barbet
41.Rufous sibia
42.Black throated tit
43.Upland buzzard
44.Steppe eagle
45.Chestnut bellied nuthatch
46.Chestnut bellied rock thrush
47.Scaly bellied woodpecker
48.Paradise flycatcher
49.Lesser yellow naped woodpecker
50.Purple sunbird
Steppe eagle

 लंच के बाद हम सात ताल जाने वाले थे। पंगोट पूरी दुनियां से कटा हुआ था...सिर्फ़ कुछ ही जगहों पर मोबाइल के सिगनल मिलते थे. रास्ते में हम नैनीताल में रूके. अमित को कुछ पैसे निकालने थे, पराग को कुछ एसिडिटी की दवाईयां लेनीं थीं और मुझे अपने घर फ़ोन करना था. इससे पहले कि हम सात ताल जाते लामा ने हमें नैनीताल  डम्पिंग ग्राउंड के बारे में बताया, डम्पिंग ग्राउंड पहुंचकर इतने सारे Steppe Eagles को मंडराते देखकर हमें बड़ी हैरानी हुई। सच कहूं तो मैंने पहली बार  Steppe Eagles की तस्वीरें ली थीं। सात ताल पहुंचते- पहुंचते शाम हो गयी थी. मुझे सामने के पेड़ पर बैठा एक  Lesser Yellow naped Woodpecker  दिखाई दिया। पर अंधेरा इतना हो चुका था, कि मैंने बैग खोलकर कैमरा निकालने की कोशिश नहीं की । हम सात ताल के बर्डिंग कैम्प रिज़ॉर्ट पहुंचे। ये ज़मीन से 4400 फीट की ऊंचाई पर भक्तुरा(Bhakgutra) गांव में था। इस बार रहने का इंतज़ाम टैंट में किया गया था। अंदर की सजावट बेहद ख़ूबसूरत थी, बिस्तर आरामदेह था, गर्म पानी का इंतज़ाम और टैंट के अंदर आधुनिक शॉवर की कल्पना मैंने तो नहीं की थी।

Hari Lama- The Guide

अगली सुबह सात बजे फ़ोटोग्राफ़ी रिज़ॉर्ट और उसके आस-पास के इलाकों में ही चलती रही। एक Grey Tree Pie अपनी तीखी आवाज़ में चीखता रहा. लामा जानता था कि उसे अभी इंतज़ार करना पड़ेगा...शायद घंटों तक...और उसने किया भी। उसने हमें पास ही की एक जगह दिखाई थी, जहां हमनें क़रीब दो घंटे बिताये। कुछ Bar Tailed Tree Creepers ने हमें उलझाये रखा जबकि Black Headed Jays अपने आपको नज़र अंदाज़ होते देखते रहे. मुझे यक़ीन था, कि वो मन ही मन जल रहे थे। अगर लामा हमें लक्ष्मण ताल के बारे में नहीं बताता तो हम सारा दिन यहीं गुज़ार देते...हालांकि शुरू में लक्ष्मण ताल इतनी ख़ास नहीं लगी...पर जल्दी ही हम ये मान गये, कि हमनें अपनी जिंदगी में अब तक ऐसी मुग्ध कर देने वाली जगह नहीं देखी थी। यही वो जगह थी जहां हमने पंगोट और सात ताल की यात्रा की सबसे ज्यादा और सबसे ख़ूबसूरत तस्वीरें लीं थीं। मैंने लामा का शुक्रिया अदा किया इतना सुंदर ‘स्टूडियो‘ दिखाने के लिये...हां मैंने इस जगह को यही नाम दिया था...हम क़रीब आठ घंटों तक वहां बैठे रहे और हमें ज़रा भी थकान नहीं हुई...होती भी कैसे! आखिर वहां अपनी जिंदगी का सबसे ख़ूबसूरत अनुभव जो लिया था...दस Lifer देखने का. (उम्मीद है मैंने Lifer के बारे में आपको पहले ही बता रखा है) वो भी एक ही दिन में. अगले दिन का कार्यक्रम बन चुका था. इस इलाके में ज्यादा से ज्यादा तस्वीरें निकालना। हमनें अगला सारा दिन इसी जगह पर बिताया। हमारे Lifers की संख्या बढ़कर अब 81 हो चुकी थी, और हम अब तक क़रीब 105 प्रजातियों की पहचान कर चुके थे। सपनों सी सुंदर हमारी हिमालय यात्रा अब ख़त्म हो चली थी। अगले दिन हमें दिल्ली से मुम्बई की फ्लाईट पकड़नी थी.........
Rufous chinned laughing thrush

Sat Tal bird list:
1.Mountain bulbul
2.Black throated sunbird
3.Blue throated barbet
4.Slaty backed forktail
5.Brown dipper
6.Purple sunbird
7.Chestnut bellied nuthatch
8.White browed scimitar babbler
9.Orange bellied leafbird
10.Indian blue robin
11.White browed wagtail
12.Scarlet minivet
13.Grey headed woodpecker
14.Barn swallow
15.House swift
16.Striated laughing thrush
17.Great tit
18.Black lored tit
19.Greenish warbler
20.Blue winged minla
21.Red billed leothrix
22.White crested laughing thrush
23.Orange headed thrush
24.Rufous chinned laughing thrush
25.Wedge tailed green pigeon
26.Whistlers babbler
27.Greater flameback woodpecker
28.Greater yellownaped woodpecker
29.Emarald dove
30.Blue bearded bee eater
31.Blue throated flycatcher
32.Black bulbul
33.Oriental white eye
34.White throated fantail
35.Khalij pheasant
36.Red jungle fowl
37.White rumped munia
38.Crested kingfisher
39.White breasted kingfisher
40.Small blue kingfisher
41.Plumbeous water redstart
42.Sprangled drongo
43.Ashy drongo
44.Asian brown flycatcher
45.Velvet fronted nuthatch
46.Common rosefinch

याद नहीं मुझे कब नींद आ गयी। रास्ता रोके खड़ी एक टाटा सूमो के बेहूदा हॉर्न से मेरी आंख खुल गयी. खिड़की से बाहर झांका तो गर्म हवा का एक थपेड़ा मेरे मुंह पर आया। कार अब रूक चुकी थी...मैंने घड़ी देखी सुबह के साढ़े ग्यारह बजे थे...हम दिल्ली पहुंच चुके थे...........
Mountain bulbul

 Jungle Lore Birding Lodge, Pangot - www.pangot.com

कैसे पहुंचें?

1. सड़क के रास्ते दिल्ली से कठगोदाम होते हुये नैनीताल : 8 घंटे

2. सड़क के रास्ते दिल्ली से रामनगर(कॉर्बेट नेशनल पार्क) होते हुये कलढुंगी: 07:30 घंटे

3. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से (प्रस्थान रात 22:45 बजे) कठगोदाम (आगमन सुबह 06:15 बजे) जाने वाली वातानुकूलित ट्रेन और फिर वहां से सड़क के रास्ते नैनीताल होते हुये पंगोट : 2 घंटे

4. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से (प्रस्थान रात 22:45 बजे) रामनगर (आगमन सुबह 05:00 बजे) जाने वाली वातानुकूलित ट्रेन और फिर वहां से सड़क के रास्ते कलाडूगंज होते हुये पंगोट : 02:30 घंटे

Sat Tal Birding Camp, Sat Tal - www.sattalbirdingcamp.com

Himalayan bulbul

कैसे पहुंचें?

1. सड़क के रास्ते दिल्ली से मोरादाबाद होते हुये हल्द्वानी और भीमताल : 7 घंटे.


2. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से (प्रस्थान रात 22:45 बजे) कठगोदाम (आगमन सुबह 06:15 बजे) जाने वाली वातानुकूलित ट्रेन. और फिर वहां से सड़क के रास्ते भीमताल होते हुये: 1 घंटे की यात्रा.
3. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से (प्रस्थान रात 22:45 बजे) रामनगर (आगमन सुबह 05:00 बजे) जाने वाली वातानुकूलित ट्रेन. और फिर वहां से सड़क के रास्ते हल्द्वानी और भीमताल होते हुये सात ताल 3 घंटे की यात्रा.
मेहरगांव पहुंचने पर सात ताल की ओर बढ़िये...2 किलोमीटर के बाद मुड़ने पर बाईं ओर एक बोर्ड लगा दिखाई देगा... जिस पर लिखा होगा "Sat Tal Birding Camp"

Asian Adventures, B-9, Sector-27, Noida - 201301
Telefax: (+91 120) 2551963, 2524878, 2524874
Email: wildindiatours@vsnl.com
Web: www.himalayanlodges.com



सीज़र सेनगुप्त,(लेखक वाइल्ड लाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र हैं, पेशे से डाक्टर व एक बड़ी व प्रतिष्ठित "थायरोकेयर लैबोरेटरी" के जनरल मैनेजर हैं। असम के डिब्रूगढ़ में शिक्षा, मौजूदा समय में मुम्बई महाराष्ट्र में निवास, इनसे workcaesar@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।)

6 comments:

  1. very beautiful pictures and very good story writing skill frnd reading ur article will cost me some bucks in near future

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  2. Inspiring article. Really this post is an encyclopedia of birds in Himalayan region and one should read it to know and raise his affection towards these natural gifts. Thousands of congratulation to the writer. My best wishes, hope to get more again.

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  3. राजीव कुमारJuly 3, 2010 at 1:19 PM

    प्रकृति के इन अनजाने स्थलों की जानकारी के लिए सेनगुप्त जी को धन्यवाद, इस तरह की बर्डिंग ट्रिप की जानकारियां और आनी चाहिए, ताकि उत्साही लोगों को इन जगहों पर जाने में आसानी हो।

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  4. Truly amazing... I admire your passion...

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  5. इतनी खूसबसूरत जगह और इतने सुंदर सुंदर पक्षियों के बारे में जानकर किसका मन नहीं करेगा इस स्थान पर जाने का।

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