वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Jan 3, 2015

आखिर वह लौट आया!

बाघ पन्ना - 123 
 नये साल में पन्ना टाइगर रिजर्व को मिली अनूठी सौगात 
बाहर गया नर बाघ 10 माह बाद फिर आया वापस 
जन समर्थन से बाघ संरक्षण का यह जीवंत उदाहरण 
पन्ना, मध्य प्रदेश-भारत 
मेहनत और ईमानदारी से किये गये प्रयास कभी विफल नहीं होते. म.प्र. के पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघ पुर्नस्थापना योजना ने यह साबित कर दिया है. वर्ष 2009 में यह टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो चुका था, लेकिन पांच साल में ही यह बाघों की नर्सरी के रूप में विकसित हो गया है. यहां जन्में बाघ समूचे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जंगलों में न सिर्फ विचरण कर रहे हैं, अपितु विकसित और सामर्थवान बनकर पुन: पन्ना टाइगर रिजर्व में वापस भी लौट रहे हैं. जन समर्थन से बाघ संरक्षण का जीवंत उदाहरण अब यहां देखने को मिल रहा है. 


उल्लेखनीय है कि फरवरी 2014 में पन्ना टाइगर रिजर्व के 6 अर्ध वयस्क नर बाघ अलग - अलग दिशाओं में रिजर्व क्षेत्र से बाहर निकल गये थे. इनमें से एक नर बाघ पन्ना - 121 के संग्रामपुर अयारण्य में रहने की पुष्टि हुई है. जबकि दूसरा नर बाघ पन्ना - 123 बाहरी इलाकों में पूरे 10 माह तक विचरण करने के उपरान्त अपने आप पन्ना टाइगर रिजर्व में वापस लौट आया है. वापस लौटे इस नये बाघ ने चन्द्रनगर वन परिक्षेत्र को अपना ठिकाना बनाया है. इस इलाके में बाघिन टी - 2 की दूसरी संतान मादा बाघ पन्ना - 222 अपनी टेरीटोरी बनाकर एकाकी जीवन बिता रही थी. लेकिन वापस लौटे नर बाघ पन्ना - 123 ने इस बाघिन से मुलाकात होने के बाद उसे जीवन संगिनी के रूप में अंगीकार कर लिया है.

 इस तरह से छतरपुर जिले का चन्द्रनगर वन परिक्षेत्र जो बाघों के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित इलाका माना जाता रहा है वहां पर बाघ परिवार पूर्ण रूप लेकर आबाद हो रहा है. मालुम हो कि वर्ष 2012 में भी इसी तरह नर बाघ पन्ना -112 उत्तरी - पूर्वी दिशा में पार्क से बाहर निकलकर वापस आ गया था जो बाद में बाघिन टी - 4 के साथ जोड़ा बनाकर बाघों की वंशवृद्धि में अपना योगदान दिया था. 

 पन्ना टाइगर रिजर्व के चन्द्रनगर रेन्ज में बाघिन पन्ना - 222 के पास बैठा बाघ पन्ना - 123 

नये साल में पन्ना टाइगर रिजर्व को मिली इस अनूठी सौगात की जानकारी देते हुए क्षेत्र संचालक आर.श्रीनिवास मूर्ति ने आज बताया कि यह सब इसलिए संभव हो रहा है क्यों कि पन्ना टाइगर रिजर्व के बाहरी क्षेत्रों में स्वच्छन्द विचरण करने वाले बाघ जन समर्थन के कारण सुरक्षित हैं. श्री मूर्ति ने बताया कि बाघिन टी - 1 के साथ पूर्व में एक शावक देखा गया था लेकिन अब उसके साथ दो शावक दिखने लगे हैं. इस प्रकार आज की स्थिति में पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संया 23 हो गई है. 

अरुण सिंह 
पन्ना टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश, भारत 
aruninfo.singh08@gmail.com


No comments:

Post a Comment

आप के विचार!

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot