वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Sep 3, 2014

मोबाइल रेडियो की शुरूवात करेगा दुधवा लाइव डाट काम

अब जंगलों और गाँवों से गूंजेगी आवाज....





डिजिटल तकनीक के माध्यम से दुधवा लाइव वेब पोर्टल इंटरनेट पर वन्य जीवन एवं पर्यावरण की जानकारियाँ लोगों तक पहुंचाता रहा है, साथ ही दुधवा लाइव वेब-चैनल के माध्यम से प्रकृति की सुन्दरता और विभीषिका के  दृश्य भी प्रस्तुत किए. दुधवा लाइव पत्रिका के ज्ञानपरक आलेखों व् ख़बरों के पाठक व् लेखक भारत के अतिरिक्त विदेशों में भी मौजूद है. पर्यावरण व् वन्यजीवन के सन्दर्भ में डायचे वेले जर्मनी ने दुधवा लाइव को हिन्दी भाषा में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए द बाब्स पुरस्कार २०१३ से सम्मानित किया.

The BOBS Award 2013
वेबपत्रकारिता द्वारा जो मुद्दे व् पूरी दुनिया की नज़र में आते है, उनका सीधा संवाद लेखक/पत्रकार से टिप्पड़ी के माध्यम से होता है बल्कि विमर्श भी हो जाते है. सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों, जंगलों की बातें वेब-पत्रकारिता के माध्यम से दुनिया के हर हिस्से में पहुँचती है और मौजूद रहती है हमेशा सभी के लिए जो तकनीक का इस्तेमाल जानते है, इंटरनेट पर वेबसाइट्स एक प्रकार का सूचनाओं का डाक्यूमेंटेशन है, जो मात्र एक क्लिक की जुम्बिश से लोगों के समक्ष होता है. इसी सिलसिले में सूचनाओं के संचार का एक बेहतर साधन मोबाइल भी है, जो अब ग्रामीण भारत के हर कोने में मौजूद है लोगों के पास, वह चाहे जिस पेशे से जुड़े हुए लोग हो, डाक्टर इंजीनियर्स, आई टी प्रोफेशनल्स और किसान.  इंटरनेट पर वही लोग सूचनाओं का आदान प्रदान कर पाते है जिन्हें कंप्यूटर का ज्ञान हो और वह कम्प्यूटर किसी भी कंपनी के इंटरनेट कनेक्शन से  जुड़े हो और भाषा का भी उत्तम ज्ञान आवश्यक है, परन्तु ग्रामीण भारत में अभी भी लोगों के पास यह सुविधाएं मुहैया नहीं है, लोगों की जरूरतों के मुताबिक़ उनकी ही भाषा में मोबाइल पर सन्देश व् ध्वनी सन्देश  भेजने की व्यवस्था एक कारगर उपाय है सूचना के प्रसार में और उत्तर प्रदेश के तराई जनपद खीरी में इसी परिकल्पना को साकार रूप देने की तैयारी में है "रेडियो दुधवा लाइव".

क्या है रेडियो दुधवा लाइव
मोबाइल व् इंटरनेट पर पर्यावरण कृषि इतिहास व् अन्य शैक्षणिक सूचनाओं का जन जन तक संचार 

विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों द्वारा रिकार्ड किए हुए वक्तव्यों को वेबसाईट व् मोबाइल पर उपलब्ध करवाना 

ग्रामीण क्षेत्रों व् शहरी क्षेत्रों में विभिन्न वर्गों (कार्यानुरूप) के मोबाइल रेडियों क्लबों की स्थापना 

जनमानस द्वारा अपनी समस्याओं की रिकार्डिंग कर रेडियो दुधवा लाइव/ दुधवा लाइव पत्रिका द्वारा पूरी  दुनिया में संचारित करने की व्यवस्था

खीरी जनपद के थारू व् ग्रामीण क्षेत्र के पारंपरिक गीत संगीत की रिकार्डिंग कर उन्हें वेबसाईट व् मोबाइल पर उपलब्ध कराना 

पारम्परिक ज्ञान- कृषि, पर्यावरण, वनस्पति संबंधी जानकारियाँ लोगों से प्राप्त कर समाज में अधिक से अधिक  लोगों तक पहुंचाना  

जनपद के सभी वर्गों के लोगों को मोबाइल रेडियो के माध्यम से आपस में जोड़ना ताकि वे एक दूसरे की मदद कर सके व् समस्याओं के निस्तारण में सलाह दे सके

किसी भी आपदा के वक्त मोबाइल रेडियों द्वारा जन मानस को आगाह करना व् समस्या से निपटने के तरीकों का विशेषज्ञों व् जिम्मेदार लोगों द्वारा सलाह (बाढ़, स्वास्थ्य एवं मौसम संबंधी जानकारियाँ..)

मोबाइल रेडियो द्वारा ग्रामीण स्तर पर सिटीजन जर्नालिस्ट तैयार करना जो अपने गाँव घर की समस्याओं को सही जगह तक पहुंचा सके

उत्तर प्रदेश के खीरी जनपद में रेडियो दुधवा लाइव की शुरूवात के लिए तमाम गैर राजनैतिक संगठनो व् सामाजिक कार्यकर्ताओं से सहयोग की अपेक्षा रहेगी ताकि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोग अपनी जानकारियों को साझा कर सके सबके मध्य............







एडीटर/माडरेटर 
कृष्ण कुमार मिश्र
www.dudhwalive.com 
e-magazine for wildlife & environment
email- editor.dudhwalive@gmail.com

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