वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

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Jul 1, 2022

बाघ तेंदुओं के लिए कुश-कांस के घास के मैदान और गन्ने के खेतों में कोई फ़र्क नही जैसे परिंदे देशों की सीमाएं नही मानते-एक धरती बस!

July 01, 2022 0
एक मां तेंदुआ अपने शावकों के संग जंगल से सटे गन्ने के खेत में, इंसान क्यों नही समझता सहजीविता सभी के साथ? -सम्पादक मंझरा के बाद सिंगाही देहा...
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May 16, 2015

खीरी जिले में बढ़ रहा है काले हिरणों का कुनबा

May 16, 2015 0
जिले की हरदोई, शाहजहांपुर सीमा पर दिखे कई झुंड पिछले दस साल में संख्या बढ़कर करीब ५०० पहुंची अशोक निगम लखीमपुर खीरी। जिले में का...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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