वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Jan 30, 2022

जंगलों से शहर की ज़ानिब आ रही हैं छिपकलियां!

January 30, 2022 0
  शहरों में सुकून की नींद तलाश रही चट्टानों पर रहने वाली छिपकली  नई दिल्ली, 28 जनवरी (इंडिया साइंस वायर): शहरीकरण ने जीव-जंतुओं के जीवन को ब...
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Jan 29, 2022

ओमीक्रोन वायरस की पहचान के लिए भारतीयों ने ईजाद की किट

January 29, 2022 4
  ऑमिक्रॉन के लिए सीएसआईआर वैज्ञानिकों ने विकसित की आरटी-पीसीआर किट  नई दिल्ली, 24 जनवरी (इंडिया साइंस वायर): कोरोना वायरस उत्परिवर्तित (Mut...
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तराई के जंगलों में बरक़रार है बाघों की बादशाहत!

January 29, 2022 0
  दुधवा में बाघों को देखकर हतप्रभ रह जाते हैं पर्यटक। कुछ इस तरह बाघ के दीदार होने से पर्यटकों की रुक जाती हैं सांसे। बेलरायां खीरी--पर्यटको...
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Jan 28, 2022

Jan 27, 2022

पेट में गैस की शिकायतों पर नायाब तहक़ीक़

January 27, 2022 0
  शोधकर्ताओं ने खोजा गैस्ट्रिक रोगियों में कमजोर प्रतिरक्षा का संभावित कारण  नई दिल्ली, 25 जनवरी (इंडिया साइंस वायर): हेलिकोबैक्टर पाइलोरी ब...
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Jan 21, 2022

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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