वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

Breaking

बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Dec 8, 2016

भारत में वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या चीन से ज्यादा

December 08, 2016 1
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज की रिपोर्ट के अनुसार 2015 में चीन से ज्यादा लोग भारत में प्रदूषण से मरे ग्रीनपीस ने इससे निपटने के लिए तत्काल रा...
Read more »

Nov 1, 2016

हम ठहरे लक्ष्‍मीपति की छाती पर श्रीवत्‍सचिह्न देने वाले महर्षि भृगु की संतान

November 01, 2016 0
कृषि और कृष्‍ण की प्रकृति एक है... तो राजलक्ष्‍मी को अगर सौ बार गरज है‍ कि अपने आने का संदेश उसे इन वधिरों तक, इन अंधों तक भी पहुँचाना...
Read more »

Oct 9, 2016

सैक्रेड हार्ट डिग्री कालेज में मनाया गया वन्य प्राणी सप्ताह

October 09, 2016 0
सीतापुर (उत्तर प्रदेश ) सैक्रेड हार्ट डिग्री कॉलेज, सृष्टि नेचर क्लब एवं वन विभाग (सामाजिक वानिकी) सीतापुर द्वारा आयोजित वन्य जीव स...
Read more »

Sep 20, 2016

Sep 13, 2016

पावर सेक्टर को कोयला से इतर अक्षय ऊर्जा पर ध्यान केन्द्रित करने की जरुरत : ग्रीनपीस इंडिया

September 13, 2016 0
ऩई दिल्ली। 6 सितंबर 2016।  आज दिल्ली के होटल ले मेरिडियन में हो रहे  ‘इंडियन कोल - सस्टेनिंग द मोमेंटम’  नामक एक कॉन्फ्रेंस में, ज...
Read more »

Aug 30, 2016

’’केन-बेतवा लिंक बुंदेलखण्ड को बाढ़-सुखाड़ में फंसाकरमारने का काम है।’’

August 30, 2016 0
जलपुरुष ने तोड़ी चुप्पी प्रस्तोता: अरुण तिवारी ’’यह सरकार सुनती नहीं, तो हम क्या बोलें ?’’ ’’विकेन्द्रित जल प्रबंधन ही बाढ़-सुखा...
Read more »

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

Post Top Ad

Your Ad Spot