वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Jul 10, 2016

यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में आयोजित हुई तालाब सरंक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला

July 10, 2016 0
लखीमपुर से शुरू तालाब बचाओ अभियान अब प्रदेश व् देश स्तर पर- सात दिवसीय जल-यात्रा का समापन हुआ यू पी प्रेस क्लब लखनऊ में- ...
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Jul 2, 2016

Jul 1, 2016

नदी जोड़ों परियोजना- कही प्राकृतिक विनाश का आमंत्रण तो नहीं ?

July 01, 2016 11
क्या नदियों को जोड़ देना ही समस्या का समाधान है एक बार फिर केन-बेतवा नदी जोडऩे के बहाने केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने नदी जोड़ों...
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Jun 28, 2016

दुधवा लाइव अंतर्राष्ट्रीय जर्नल का जल-विशेषांक "आज भी खरे हैं तालाब"

June 28, 2016 1
जल-विशेषांक   दुधवा लाइव पत्रिका का मई-जून २०१६ का प्रकाशित अंक पीडीएफ   के रूप में यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं. Dear Friends, I ...
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Jun 26, 2016

यहां पाई जाती हैं पृथ्वी और उसके लोगों की कहानियां

June 26, 2016 0
             भारत के उत्तर-पूर्व के वनवासी उनकी अपनी पारंपरिक पद्धतियों ‘झूम सभ्यता’ या शिकार के कारण बहुत समय से प्रकृति के कथित व...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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