वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Feb 6, 2011

यहाँ कैसे हासिल हों इन्हें तालीम का कानूनी हक ?

February 06, 2011 4
यहां कैसा लागू हो शिक्षा का कानूनी अधिकार! - टांगिया गांव में न स्कूल है, न टीचर - दिन फसलो को बचाने में गुजारते हैं बच्चे अपना वक्त टांग...
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Feb 5, 2011

बुन्देलण्ड में काले हिरणों पर मड़राता काला साया

February 05, 2011 1
 बुन्देलखण्ड में तबाह किए जा रहे जंगलों व नदियों से नष्ट होती जैव-विविधता  ...आंकड़ों के खेल में सरकारें बनी तमाशबीन ....   बांदा, हमीरपु...
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Feb 4, 2011

दुधवा के स्थापना दिवस (२ फ़रवरी १९७७) पर विविध कार्यक्रम

February 04, 2011 1
वन-संपदा के रखवालों को वर्दियां व वाटर बाक्स दिए गये पलियाकलां-खीरी। दुधवा नेशनल पार्क के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में महावतों एवं...
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Feb 3, 2011

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के स्थापना दिवस पर गोष्ठी का आयोजन

February 03, 2011 0
मानव-वन्य जीव संघर्ष निवारण विषय पर हुई चर्चा- स्थापना: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान 2 फ़रवरी 1977 (दुधवा लाइव डेस्क 2 फ़रवरी 2011) पलियाकलां-खीरी...
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Feb 1, 2011

जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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