वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Nov 5, 2010

तमसो मा ज्योतिर्गमय

November 05, 2010 5
दीपावाली: दीपों की पंक्ति की तरह आप सभी की जीवन की कड़ियां सदैव दैदीप्तिमान होती रहें। - दुधवा लाइव   दीपावली के इस पर्व पर "दुधवा लाइव...
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Nov 3, 2010

वे आदमखोर नही हैं !

November 03, 2010 3
आदमखोर बाघ -- एक मिथक "मानव-भक्षण की घटनाओं, और उनके पीछे के तमाम कारणों पर अरूणेश दवे  के विचार "दुधवा लाइव" में लेख के रूप...
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Nov 1, 2010

Oct 31, 2010

सफ़ेद बाघ

October 31, 2010 0
मनोज शर्मा* इसका रंग ही बन गया इसकी कैद का सबब: मैंने सफ़ेद टाइगर को छतीसगढ़ में भिलाई के मंत्री गार्डेन में पहली बार देखा था तो लगा की सफ़ेद...
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Oct 30, 2010

Oct 29, 2010

एक जानवर की कहानी !

October 29, 2010 2
सुरेश बरार* स्वीटू स्वीटू जब मेरे घर आई वह सिर्फ़ १ हफ्ते की थी बहुत ही प्यारी , फ़ूल की तरह नाजुक उसका काला और सफ़ेद रंग ऐसे लगता था मानों क...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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