tag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post4608284560456842897..comments2024-03-08T13:47:27.081+05:30Comments on दुधवा लाइव: गौरैयाDudhwa Livehttp://www.blogger.com/profile/13090138404399697848noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-44037576370892283152010-10-30T15:55:11.741+05:302010-10-30T15:55:11.741+05:30mayank ji ke comment ke liye badai wo comment nahi...mayank ji ke comment ke liye badai wo comment nahi khud artile likhte haiDehaatkibaathttps://www.blogger.com/profile/10529792504008616461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-22285766377749920602010-10-30T00:21:44.376+05:302010-10-30T00:21:44.376+05:30मैंने चारू को दुधवा लाइव पर पढ़ा था उनकी कविता के स...मैंने चारू को दुधवा लाइव पर पढ़ा था उनकी कविता के साथ ..! अपने अब्बा के आंगन में मैंने देखि है गौरैया ...!!कविता के संग एक और तत्व जो मुझे बेहद गहरे तक ले गया और भावनात्मक रूप से मै ये सोचने पे मजबूर हो गया की क्या एक लड़की और गौरैया में बेहद समानता है !मै चारू जी को जनता हूँ और ये भी जनता हूँ की वह बेहद गहरे से न सिर्फ लिखती है बल्कि सोचती भी है और समझती भी है! हिंदी के साथ मै पंजाबी भाषा भी जनता हूँ ! उसके एक महान लेखक गुरदास मान जी के एक गीत की प्रतिछाया मिली है उझे चारू जी की कविता में ! चारू के अंदाज में गुरदास मान जी ने लिखा था कभी की '' बाबुल तेरे डा दिल करे धिये मेरिये नी..तैनू कड़ी डोली न बिठावा सदा रहे गुद्दियाँ पटोले नी तू खेड्ती '' यानि की तेरे बाबुल यानि पिता का दिल कहता है की तुझे कभी डोली में न बिठाना पड़े ...! इस कविता की गहरे उसी मजबूर पिता की तरह है जिसे न चाहते हुए भी अपने कलेजे के टुकड़े को रुखसती देनी होती है ...! एक शब्द के प्रयोग है '' कोरी संवेदना ''! भविष्य की संवेदनाएं क्या वाकई कोरी होती है ? मै कहुगा हा ..! हा अगर हमें अपनी संवेदनाओं का साक्षी नहीं मिलता है तो..! गारा हम अपनी संवेदनाओं को आवाज नहीं दे पाते तो ..! शायद किसी अगन की वो बिटिया ..या कोई गौरैया उसी संवेदना का शिकार हो गई जिसे कोई आवाज नहीं मिल सकी ..!चारू ने जिस गहरे से हमें उन संवेदनाओं की याद दिलाई है उसी सिद्दत से ये भी लिखा है की ...''सिर्फ स्मरण या खोज बनकर नहीं ..बल्कि बनकर फुदकती गौरैया ....!!! '' मेरा वादा है की इस गौरिया को हम सिर्फ स्मरण और कोरी संवेदनाओं के बिच सिमटने नहीं देगे ..उसे एक आकाश भी देगे ..जो आज आपकी कविता ने दिया है !!!!<br />मयंक बाजपेयी (हिंदुस्तान लखीमपुर )mayank bajpainoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-18754339950675051332010-04-05T23:32:40.876+05:302010-04-05T23:32:40.876+05:30GOOD POEMGOOD POEMRAJIV GUPTAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-66908663787609231772010-03-22T22:41:24.421+05:302010-03-22T22:41:24.421+05:30bahut sundarbahut sundarragininoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-8324329365579265802010-03-17T22:27:45.598+05:302010-03-17T22:27:45.598+05:30nice poem............."
amitraghat.blogspot.c...nice poem............."<br />amitraghat.blogspot.comAmitraghathttps://www.blogger.com/profile/13388650458624496424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-76763971373040122542010-03-17T18:48:23.074+05:302010-03-17T18:48:23.074+05:30inki kavita padhkar bahut achchha laga...
aapka sh...inki kavita padhkar bahut achchha laga...<br />aapka shukriyaअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com