tag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post4357907565675165744..comments2024-03-08T13:47:27.081+05:30Comments on दुधवा लाइव: आज का दिन मुक़र्रर है अन्नदाता के नाम...Dudhwa Livehttp://www.blogger.com/profile/13090138404399697848noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-5736887576659909892017-12-01T11:50:44.485+05:302017-12-01T11:50:44.485+05:30नमस्ते, यदि आप एक व्यापार ऋण की तलाश कर रहे हैं? व...नमस्ते, यदि आप एक व्यापार ऋण की तलाश कर रहे हैं? व्यक्तिगत ऋण, गृह ऋण, कार ऋण, छात्र ऋण, ऋण समेकन ऋण, असुरक्षित ऋण, उद्यम पूंजी, आदि या यदि आप किसी भी कारण बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा खारिज कर दिया है? मैं श्रीमती मैरियन लुकास निजी ऋणदाता हूं और मैं 2% की ब्याज दर वाले व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए ऋण प्रदान करता है और कम और सस्ती है। यदि आपको इसमें रुचि हो? पर संपर्क करें आज: (chosenloanfinancial@gmail.com)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17962904660707765935noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-1430074519108789372015-10-29T14:05:40.093+05:302015-10-29T14:05:40.093+05:30सभी ऋण चाहने वालों के लिए अच्छी खबर
मैं लौरा जॉर्ज...सभी ऋण चाहने वालों के लिए अच्छी खबर<br />मैं लौरा जॉर्ज सीईओ, संघीय क्रडिट केंद्रीय वित्त पीएलसी हूँ, हम लाइसेंस प्राप्त, पंजीकृत और लोगों के लिए ऋण के सभी प्रकार के देने में माहिर और संगठनों के सहयोग कि अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता मान्यता प्राप्त हैं। आप संविदा, के लिए ऋण की जरूरत होती है तो अगर परियोजनाओं, निवेश, निजी व्यवसाय, अच्छा ब्याज दर के साथ करों, बिल, शिक्षा, कार, घर, ऋण समेकन, फौजदारी और अन्य कई लोगों ऋण। हम 2% ब्याज दर के साथ, अधिकतम में 1 से 25 वर्ष की एक न्यूनतम के लिए ऋण प्रदान करते हैं। हमारे ऋण की पेशकश नीचे मुद्राओं में हैं .....<br />ग्रेट ब्रिटेन पाउंड, संयुक्त राज्य अमेरिका डॉलर, कनाडा डॉलर, सिंगापुर डॉलर, ब्रुनेई डॉलर, मलेशियाई रिंगित, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर आदि हम आप अपने पर्सनल में अपने ऋण की राशि प्राप्त है कि गारंटी और आश्वासन दिया जा रहा है के रूप में हम से एक ऋण प्राप्त करने में आप सबसे अच्छा संतुष्टि देता है बैंक खाते, एटीएम और क्रेडिट कार्ड। वेस्टर्न यूनियन / रिया धन / पैसा ग्राम। Laurageorgeloanfirm@gmail.com या laurageorgeloanfirm@hotmail.com के माध्यम से हमसे संपर्क करेंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-55350904907032597752015-10-15T17:18:47.915+05:302015-10-15T17:18:47.915+05:30आप तत्काल ऋण की जरूरत है?
* आपके बैंक खाते में बहु...आप तत्काल ऋण की जरूरत है?<br />* आपके बैंक खाते में बहुत तेजी से और तत्काल हस्तांतरण<br />आप में पैसा पाने के बाद * चुकौती नौ महीने के शुरू होता है अपने<br /><br />बैंक खाते<br />2% की * कम ब्याज दर<br />* लंबे समय तक चुकौती (1-30 वर्ष) की अवधि<br />* लचीला ऋण की शर्तों और मासिक भुगतान<br />*। कब तक यह निधि के लिए ले करता है? ऋण आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के बाद,<br /><br />आप उम्मीद कर सकते हैं प्रारंभिक जवाब यह है कि कम से कम 24 घंटे और<br /><br />जरूरत है कि हम जानकारी प्राप्त करने के बाद 72-96 घंटे के भीतर वित्त पोषण<br /><br />आप से।<br /><br />अधिकृत वैध और लाइसेंस प्राप्त ऋण कंपनी से संपर्क करें<br />अन्य देशों के लिए है कि वित्तीय सहायता।<br />अधिक जानकारी और अब से संपर्क के माध्यम से एक ऋण आवेदन पत्र के लिए<br /><br />ईमेल: trustloan87@gmail.com<br /><br />उत्तम संबंध,<br />Mr.Anthony डेव।<br />मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)<br />ट्रस्ट ऋण कंपनीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-13472022752889606512015-10-11T22:45:39.834+05:302015-10-11T22:45:39.834+05:30आप तत्काल ऋण की जरूरत है?
* आपके बैंक खाते में बहु...आप तत्काल ऋण की जरूरत है?<br />* आपके बैंक खाते में बहुत तेजी से और तत्काल हस्तांतरण<br />आप में पैसा पाने के बाद * चुकौती नौ महीने के शुरू होता है अपने<br /><br />बैंक खाते<br />2% की * कम ब्याज दर<br />* लंबे समय तक चुकौती (1-30 वर्ष) की अवधि<br />* लचीला ऋण की शर्तों और मासिक भुगतान<br />*। कब तक यह निधि के लिए ले करता है? ऋण आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के बाद,<br /><br />आप उम्मीद कर सकते हैं प्रारंभिक जवाब यह है कि कम से कम 24 घंटे और<br /><br />जरूरत है कि हम जानकारी प्राप्त करने के बाद 72-96 घंटे के भीतर वित्त पोषण<br /><br />आप से।<br /><br />अधिकृत वैध और लाइसेंस प्राप्त ऋण कंपनी से संपर्क करें<br />अन्य देशों के लिए है कि वित्तीय सहायता।<br />अधिक जानकारी और अब से संपर्क के माध्यम से एक ऋण आवेदन पत्र के लिए<br /><br />ईमेल: trustloan87@gmail.com<br /><br />उत्तम संबंध,<br />Mr.Anthony डेव।<br />मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)<br />ट्रस्ट ऋण कंपनीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-8089621397854710292015-08-25T13:56:07.110+05:302015-08-25T13:56:07.110+05:30हम सरकार अनुमोदित कर रहे हैं और प्रमाणित ऋण ऋणदाता...हम सरकार अनुमोदित कर रहे हैं और प्रमाणित ऋण ऋणदाता हमारी कंपनी व्यक्तिगत से अपने विभाग से स्पष्ट करने के लिए 2% मौका ब्याज दर पर वित्तीय मदद के लिए बातचीत के जरिए देख रहे हैं जो इच्छुक व्यक्तियों या कंपनियों के लिए औद्योगिक ऋण को लेकर ऋण की पेशकश नहीं करता है।, शुरू या आप व्यापार में वृद्धि एक पाउंड (£) में दी गई हमारी कंपनी ऋण से ऋण, डॉलर ($) और यूरो के साथ। तो अब एक ऋण के लिए अधिक जानकारी के लिए हमसे संपर्क करना चाहिए रुचि रखते हैं, जो लोगों के लागू होते हैं। उधारकर्ताओं के डेटा की जानकारी भरने। Jenniferdawsonloanfirm20@gmail.com: के माध्यम से अब हमसे संपर्क करें<br />(2) राज्य:<br />(3) पता:<br />(4) शहर:<br />(5) सेक्स:<br />(6) वैवाहिक स्थिति:<br />(7) काम:<br />(8) मोबाइल फोन नंबर:<br />(9) मासिक आय:<br />(10) ऋण राशि की आवश्यकता:<br />(11) ऋण की अवधि:<br />(12) ऋण उद्देश्य:<br /><br />हम तुम से जल्द सुनवाई के लिए तत्पर हैं के रूप में अपनी समझ के लिए धन्यवाद।<br /><br />ई-मेल: jenniferdawsonloanfirm20@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-44808347695741933982014-12-23T23:13:52.901+05:302014-12-23T23:13:52.901+05:30किस सरकार से उम्मीद लगाए हैं जो ख़ुद भूमि अधिग्रहण...किस सरकार से उम्मीद लगाए हैं जो ख़ुद भूमि अधिग्रहण जैसे तमाम कानूनों, नीतियों को बदलना ही अपनी मुख्य नीति बनाए है!!??...छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उत्तराखण्ड तो सब इन्हीं के सताए हुए हैं!! बड़े पैमाने पर कृषि भूमि और किसान तबाह किए जा रहे हैं!!...कुछ इनसे ज़्यादा आगे हमें सोचने की ज़रूरत है!!...rupal ajabehttps://www.blogger.com/profile/13653077131716436842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-84946494393570958552014-12-23T20:27:48.235+05:302014-12-23T20:27:48.235+05:30पहला सारी नदियां पी गया
क्योंकि वह बहुत प्यासा था
...पहला सारी नदियां पी गया<br />क्योंकि वह बहुत प्यासा था<br /><br />दूसरा सारे जंगल भकोस गया<br />क्योंकि वह बहुत भूखा था<br /><br />तीसरा सारी जमीन हड़प गया<br />क्योंकि उसका कुनबा बहुत बड़ा हो गया था<br /><br />ऐसा कहती हैं सरकारी रपटें<br /><br />और जब हम अपनी भूख प्यास <br />और छत की बात करते हैं<br />सरकारी रपटें कुछ नहीं कहती<br />पुलिस का बयान कहता है<br />कुछ अतिवादी लोग मार गिराए गए हैं....!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05923951013980213544noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-34044123809819517142014-12-23T10:36:08.799+05:302014-12-23T10:36:08.799+05:30‘भारत- निर्माण’ ‘अतुल्य- भारत’ तथा ‘इंडिया विज़न- २...‘भारत- निर्माण’ ‘अतुल्य- भारत’ तथा ‘इंडिया विज़न- २०२०’ जैसे आकर्षक और लोकलुभावन नारों के बीच आज हमें २१वीं सदी में आये एक दशक से ज़्यादा हो चुका है। क्या वाकई हम अपने आप को उपरोक्त आदर्शवादी और आशावादी सपने को वास्तविक धरातल पर पाते है??<br />कहा जाता है की मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता होता है। इतिहास साक्षी है हमारे ‘भाग्य निर्माण’ का और ‘भारत निर्माण’ का। भारत के ३५ राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों, ६४० जिलों, ५९२४ तहसीलों / तालुकों, ७९३३ कस्बों (४०४१ सांविधिक नगर और ३८९२ जनगणना नगर) तथा ६.४१ लाख गांव और गावों का भाग्य निर्माता, भारतीय ग्रामीण किसान। हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि तथा उसकी मजबूती का मूलाधार ग्रामीण कृषक ! जो कड़ी धूप, मुसलाधार बारिश- सूखे की मार सहकर जब यह घुटनों तक कीचड़ से भरे खेतों में जाता है तो सुगन्धित बासमती एवं भारत के १२१०५६९५७३ करोड़ (२०११ की जनगणना के अंतिम आकड़ों पर आधारित) लोगों की रोटी का इंतजाम होता है, पर विडम्बना ये कि आज तक कभी कोई राष्ट्रीय नागरिक सम्मान इन्हें नहीं मिला। आज नयी सदी के भारत की ब्रिटिश नीति ‘इंडिया’ अपने भाग्य निर्माता का मूल्याकन नहीं करना चाहती ……..और करे भी क्यों ?……….क्योंकि गुलाम मानसिकता वाले राष्ट्र का मूल्यांकन करे कौन ??<br />आज जब हम अपनी प्राचीन गौरवशाली सांस्कृतिक परम्परा का सिंहावलोकन करे तो पाते है कि इस सांस्कृतिक समृध्दि के पीछे एक मजबूत आर्थिक- सामाजिक अवसंरचना का कितना महत्वपूर्ण योगदान रहा है। तभी हम संसार की प्राचीनतम सजीव सभ्यता एवं संस्कृतियों में से है।<br />वर्तमान परिदृश्य में हमारी समाजगत जटिलता के मूल में, सांस्कृतिक समन्वय एवं ग्रामीण सामाजिक अधोसंरचना तथा एक राष्ट्र की अवधारणा की केन्द्रीय भूमिका से कोई भी इनकार नहीं कर सकता है। फिर भी आज सबसे ज्यादा उपेक्षित और तिरस्कृत यही पक्ष ‘भारत’ है। हमारी दिव्आयामी मानसिकता तथा उससे उपजी दिव् राष्ट्र की अवधारणा ……जिसमे पहला पक्ष ‘भारत’ और दूसरा पक्ष ‘इन्डिया’।<br />आज हमारे सामने की द्वन्द की स्थिति है, जिसमें यही दोनों पक्ष आमने सामने है और उसमे भी ‘इन्डिया’ का पक्ष ‘भारत’ पर हावी है।<br />आज हमारे पास नारे तो बड़े मनोहारी तथा दावे बड़े तर्कशील हैं, किन्तु वास्तविकता में उन्हें क्रियान्वित करने की दृढ़ इच्छाशक्ति एवं मजबूत संकल्पशक्ति का सर्वथा आभाव सा दृष्टिगत होता है। इतनी विशाल शक्ति का स्वामी होने तथा उसमें भी युवाओं की प्रतिशतता आधे से कही ज़्यादा होने के बावजूद ‘आज का युवा भारत’ क्यों २१वीं सदी में ‘विकासशील से विकासोन्मुख’ के बीच ही मैराथन दौड़ का हिस्सा मात्र बना हुआ है? जहाँ तक मेरी समझ है इसका मूल स्रोत महज़ किताबी ज्ञान है क्योंकि इस देश में एयरकंडीसन कमरों में बैठकर जमीन से जुड़ी नीतियों / नियमों का क्रियान्वयन उन हाथों में सौपा जाता है जिनका वास्तविक रूप में उस विषयवस्तु से दूर दूर तक कभी कोई ताल्लुक रहा ही नहीं।<br />आज हम जनसंख्या- विस्फोट का हवाला देते हुए उसके केवल नकारात्मक पक्ष की ही बात करते है, हमारा ध्यान उसके दुसरे सकारात्मक पक्ष उसके विशाल और मानव शारीरिकी एवं बौद्धिक सम्पदा पर क्यों नहीं जाता जो की एक मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार है। बाजारीकरण के इस युग में आज इस विशाल बाज़ार पर अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ जिस तीव्र गति से अपने पाँव पसार रही है उससे क्या निष्कर्ष निकला जा सकता है ?<br />निष्कर्ष सिर्फ इतना ही नहीं होगा की इंडिया सिर्फ एक Economic Hub के रूप में विकसित होता एक बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार दिखता तो प्रतीत होगा ……..बल्कि निष्कर्ष ये भी होगा कि भारत गरीबी भुखमरी और गुलामी की तरफ भी बढ़ेगा। आज यह गुलामी हमारी मानसिक और बौद्धिक गुलामी का प्रतीक बन रही है।<br />पिछले ६ दसको में देश बदला है पर आम आदमी की जिंदगी और मुश्किल हुई है। जो हजारो टन अनाज सड़ रहा है वो ऐसे ही सड़ता रहेगा। गरीब चाहे भूखा मरे पर स्टाइल मारने का हक तो उसे भी है…..उसके झोपड़ों तक बिजली, पीने का साफ पानी नहीं पहुंचा पर टीवी पहुंचा दी गई, ताकि मूर्खों के स्वप्रलोक में वह भी मगन रहे, राजनीति का एक सिद्धांत है …अगर जनता को तुम रोटी नहीं दे सकते तो उन्हें सर्कस दिखाओ !अमित वर्माhttps://www.blogger.com/profile/16531680315669801282noreply@blogger.com