tag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post4216785656570827546..comments2024-03-08T13:47:27.081+05:30Comments on दुधवा लाइव: भारत की वन-नीति में बदलाव आवश्यकDudhwa Livehttp://www.blogger.com/profile/13090138404399697848noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-39933780143392380852010-02-17T17:06:22.865+05:302010-02-17T17:06:22.865+05:30very nice write upvery nice write upअजातशत्रुnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-33102364143843328312010-02-17T14:36:08.104+05:302010-02-17T14:36:08.104+05:30आपने बहुत अच्छा लेख लिखा.परन्तु डी पी भाई सीधे नेप...आपने बहुत अच्छा लेख लिखा.परन्तु डी पी भाई सीधे नेपालियों को वनों का दुश्मन कहने से पहले हमें अपने आप में भी झाक कर आत्म-मंथन करना चाहिये, और किसी पर भी सीधे-सीधे आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिये, मुझे याद आता है ७०-८० का दशक जब शायद हम भारतीयों नें सीमा से सटे नेपाल के जंगलों में भी जम कर घुसपैठ की है। भारतीय और विदेशी कंपनियों ने नेपाल के सीमावर्ती वनों को काटकर अपनी झोलियां भरी हैं, हाँ ये सही है, कि अशिक्षा और पिछड़ा पन होने के कारण नेपाल के लोगों को वनों के महत्व की जानकारी देर में हो पायी, लेकिन ये ठीक वैसा ही था, "अब पछिताये होत का, जब चिड़िया चुग गयी खेत" हां ये बात बिल्कुल सही है, कि नेपाल की तरफ़ से भारतीय वनों पर मानवीय दबाव काफ़ी बढ़ गया हैं, पर अभी भी ये दबाव उस अनुपात में नही है जो हमारे अपने ही घर की तरफ़ से है। यहां मै ये भी कहना चाहूंगा वनों व वन्य-जीवों के सरंक्षण के लिए सरकारी कानून कायदे भले ही कितने बने हों पर आज अपने ही देश में वनो को बचाने में लगे नौकरशाहों की सरपरस्ती में हमारी प्राकृतिक संपदा को उनकी धन-लोलुपता के चलते किस तरह उजाड़ा जा रहा है ये किसी से छुपा नही हैं। सिर्फ़ नेपाल के सीधे-साधे अशिक्षित व भोले-भले लोगों पर आरोप लगाकर अपनी गलतियों ,को छुपाने का प्रयास भले ही कर ले, किन्तु इससे वन व वन्य जीव सरंक्षण के लम्बे चौड़े दावे भोथरे ही साबित होंगे। वनो और पर्यावरण को बचाने के लिए हमे जरूरत है अपने अन्दर भी झांकने की।प्रशान्त "पीयूष"http://www.tcn.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6516832496554770769.post-83409170755954388272010-02-17T02:50:08.721+05:302010-02-17T02:50:08.721+05:30बहुत बदिया प्रस्तुतिबहुत बदिया प्रस्तुतिdr amit jainhttps://www.blogger.com/profile/05568646394497826829noreply@blogger.com