वन्य जीवन एवं पर्यावरण

International Journal of Environment & Agriculture ISSN 2395 5791

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बीती सदी में बापू ने कहा था

"किसी राष्ट्र की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से मापा जाता है कि वह अपने यहां जानवरों से किस तरह का सलूक करता है"- मोहनदास करमचन्द गाँधी

ये जंगल तो हमारे मायका हैं

Apr 23, 2017

पृथ्वी दिवस- कभी धरती की बात भी सुन ले फायदे में रहेंगें

April 23, 2017 0
22 अप्रैल - पृथ्वी दिवस पर विशेष धरती की डाक सुनो रे केऊ मनुस्मृति के प्रलय खंड में प्रलय आने से पूर्व लंबे समय तक अग्नि वर्...
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Apr 20, 2017

150 बरस पहले बहराइच के जंगलों में रहता था मोगली

April 20, 2017 0
विलियम स्लीमैन  ब्रिटिश अफसर विलियम स्लीमन ने उत्तर भारत खोजे थे कई वुल्फ बॉय- कतरनिया घाट में मिली वन दुर्गा ही नहीं है अकेली, ...
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Apr 7, 2017

Apr 6, 2017

Apr 5, 2017

आलू का किस्सा-पूँजीवाद की चालाकियोँ ने समाजवाद को ख़त्म कर दिया!

April 05, 2017 0
आलू एक ऐसी फसल जो दुनिया का पेट भरने में अहम दर्ज़ा हासिल किए है. इतिहास में आलू की पैदाइश दक्षिण अमरीका के पेरू में बताई जाती ...
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जर्मनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार "द बॉब्स" से सम्मानित पत्रिका "दुधवा लाइव"

हस्तियां

पदम भूषण बिली अर्जन सिंह
दुधवा लाइव डेस्क* नव-वर्ष के पहले दिन बाघ संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महा-पुरूष पदमभूषण बिली अर्जन सिंह

एक ब्राजीलियन महिला की यादों में टाइगरमैन बिली अर्जन सिंह
टाइगरमैन पदमभूषण स्व० बिली अर्जन सिंह और मैरी मुलर की बातचीत पर आधारित इंटरव्यू:

मुद्दा

क्या खत्म हो जायेगा भारतीय बाघ
कृष्ण कुमार मिश्र* धरती पर बाघों के उत्थान व पतन की करूण कथा:

दुधवा में गैडों का जीवन नहीं रहा सुरक्षित
देवेन्द्र प्रकाश मिश्र* पूर्वजों की धरती पर से एक सदी पूर्व विलुप्त हो चुके एक सींग वाले भारतीय गैंडा

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